कार्यकर्ता प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन

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कार्यकर्ता प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन

औरंगाबाद।
कार्यकर्ता वह होता है जो स्वहित के साथ-साथ समाज व संघहित में कार्य करता है। कार्यकर्ता का मतलब ही होता है-कार्य को करने वाला। कार्यकर्ता की पहचान नाम से नहीं काम से होती है। कार्यकर्ता कार्यक्रम को नहीं कार्य को अधिक महत्त्व देता है। उक्त विचार मुनि अर्हत कुमार जी ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहे। मुनिश्री ने आगे कहा कि कार्यकर्ता का सबसे महत्त्वपूर्ण घटक है-कर्तव्य बोध। अपने कर्तव्य को, अपनी जिम्मेदारी को समझना। अपने समय का विसर्जन कर, अपने स्वार्थ का विसर्जन कर, संघ के विकास के लिए अपने संपूर्ण जीवन का बलिदान देना ही एक कार्यकर्ता की पहचान है। जिसके व्यवहार में सौम्यता, विचारों में दूरदर्शिता, चिंतन में सकारात्मकता, कार्य में नूतनता, चारित्र में पवित्रता है, धर्म में सक्रियता है वही कार्यकर्ता है।
मुनि भरत कुमार जी ने कहा कि कार्यकर्ता भले कम हो पर उनका उत्साह और उमंग कभी कम न हो। मुनि जयदीप कुमार जी ने कहा कि कार्यकर्ता वही होता है, जो अपने कार्य के प्रति समर्पित और अपने कर्तव्य के प्रति सजग होता है। कार्यक्रम का शुभारंभ महिला मंडल की गीतिका द्वारा हुआ। स्वागत भाषण सभा अध्यक्ष कौशिक सुराणा ने दिया। अक्षय तृतीया व्यवस्था समिति के अध्यक्ष सुभाष नाहर ने अपने विचार रखे। आभार ज्ञापन सभा के मंत्री आनंद दुगड़ ने किया। कार्यक्रम का संचालन रंजीता दुगड़ ने किया। कार्यक्रम में सराहनीय उपस्थिति रही।