द पावर आॅफ सेल्फ पाॅवर कार्यशाला का आयोजन

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द पावर आॅफ सेल्फ पाॅवर कार्यशाला का आयोजन

बीदासर।
साध्वी रचनाश्री जी के सान्निध्य में अभातेममं के निर्देशानुसार स्थानीय तेरापंथ महिला मंडल, बीदासर के तत्त्वावधान में ‘द पावर आॅफ सेल्फ पावर’ कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर साध्वीश्री जी ने कहा कि ‘द पावर’ यानी आत्मशक्ति। शक्ति का बोध, शक्ति का जागरण और उसका सही दिशा में नियोजन ही सफलता का सूत्र है। आत्मा में अनंत शक्ति है। द पावर शब्द से उस शक्ति को उजागर किया जा सकता है। व्यक्ति अपने सांसारिक कार्यों के लिए तो टाइम टेबल बना लेता है, लेकिन जब आध्यात्मिक कार्य करना हो तब उसके पास समय नहीं होता। शक्ति का विकास तब होगा जब सांसारिक के साथ-साथ आध्यात्मिक कार्य के लिए भी टाइम मैनेजमेंट करेंगे। 24 घंटों में दो-दो मिनट निकालें तो एक सामायिक हो सकती है। जो भीतर के आनंद का साक्षात्कार कराती है।
धर्म सिखाता है सबका सम्मान करो। सबका सम्मान करने वाला विनय करता है और विनय आत्मशक्ति को उजागर करता है। इन बिंदुओं को जीवन में अपनाने से व्यक्ति अपने आत्मा की अनंत शक्ति को जगाता है स्वयं को शक्तिसंपन्न बना लेता है। साध्वी लबिधयशा जी ने भी विषय प्रस्तुति दी। संपत देवी बोथरा ने अपने विचार रखे। महिला मंडल ने संकल्प गीत के साथ कार्यक्रम का समापन किया।