आचार्यश्री तुलसी के 110वें जन्मोत्सव के आयोजन
हैदराबाद
साध्वी डाॅ0 मंगलप्रज्ञा जी के सान्निध्य में आचार्य श्री तुलसी का 110वाँ जन्म दिवस मनाया गया। सिकंदराबाद तेरापंथ भवन में आयोजित कार्यक्रम में साध्वी डाॅ0 मंगलप्रज्ञा जी ने कहा कि आचार्यश्री तुलसी का व्यक्तित्व अनुपमेय था। उन्होंने जो भी कार्य आरंभ किया, उसे मंजिल तक पहुँचाया। वे अनंत पुण्याई के पुंज थे। तेरापंथ धर्मसंघ का ही नहीं, संपूर्ण मानवता का सौभाग्य था, जिन्हें एक शक्तिशाली मार्गदर्शक मिला। आचार्यश्री तुलसी की हर कार्य के पूर्व त्रिपदी होती, चिंतन, निर्णय और क्रियान्विति में विलम्ब नहीं होता। हर कार्य सुनियोजित करने की उनमें अद्भुत कला थी। उन्होंने अनेक अवदान दिए जो कल्याणकारी और जीवन के लिए वरदान सिद्ध हुए हैं।
साध्वी मंगलप्रज्ञा जी ने आगे कहा कि उनकी पारखी नजर ने सुयोग्य, प्रशिक्षित शिष्यों की लंबी कतार खड़ी कर दी। आचार्य महाप्रज्ञ, आचार्य महाश्रमण, शासनमाता साध्वीप्रमुखाश्री कनकप्रभाजी जैसी परम कृतियाँ प्रदान करने वाले महासूर्य तुलसी के प्रति संपूर्ण तेरापंथ संघ कृतज्ञ है। साध्वीश्री जी ने कहा कि आचार्य तुलसी की सन्निधि में प्राप्त शिक्षाएँ, प्रोत्साहन, प्रेरणाएँ मेरे लिए अनमोल विरासत है। उनके श्रीचरणों में उपासना से श्रुत-मुक्ता ग्रहण करने का मुझे भी सौभाग्य मिला।
साध्वी सुदर्शनप्रभा जी ने मंगलाचरण प्रस्तुत किया। तेरापंथ सभा मंत्री सुशील संचेती, टीपीएफ के अध्यक्ष पंकज संचेती, अणुव्रत समिति अध्यक्ष प्रकाश भंडारी, महासभा सदस्य एवं तेरापंथ सभा परामर्शक लक्ष्मीपत बैद ने श्रद्धासिक्त भाव प्रस्तुत किए। चांद बैद, तेममं ने गीतों का संगान कर गुरुदेव तुलसी की अभ्यर्थना की। साध्वीवृंद ने गीत का संगान किया। अणुव्रत समिति के सदस्यों ने सामुहिक रूप से उद्गार व्यक्त किए। कार्यक्रम का संचालन साध्वी सुदर्शनप्रभा जी ने किया।