आचार्यश्री तुलसी के 110वें जन्मोत्सव के आयोजन

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आचार्यश्री तुलसी के 110वें जन्मोत्सव के आयोजन

कालू
स्थानीय तेरापंथ भवन में साध्वी उज्ज्वलरेखा जी के सान्निध्य में आचार्यश्री तुलसी का जन्म दिवस अणुव्रत दिवस के रूप में मनाया गया। साध्वीश्री जी ने कहा कि आचार्य तुलसी इंसान की सूरत में एक फरिश्ते थे, जिन्होंने सिसकती इंसानियत को अमन-शांति का पैगाम दिया। उनका जीवन विविधताओं का संगम रहा। एक विशाल धर्मसंघ के अधिशास्ता होने पर भी सांप्रदायिकता उनसे सदैव अछूती रही। मानवीय कल्याण हेतु उन्होंने समाज को अमूल्य अवदान दिए, जिनमें एक हैµअणुव्रत। साध्वीश्री जी ने अणुवत का अर्थ बताते हुए कहा कि छोटे-छोटे व्रत अर्थात् अणुव्रत। मानवीय आचार संहिता का नाम हैµअणुव्रत। इन छोटे-छोटे संकल्पों से ही बड़ी क्रांति घटित हो सकती है। अणुव्रत ने देश के सभी वर्गों को जीवन मूल्य से जोड़ा है। अणुव्रत एक व्यापारी से कहता है तुम व्यापार में प्रामाणिकता रखो। यह नैतिक क्रांति का आंदोलन है। इस आचार संहिता का पालन करने वाला ही अणुव्रती बन सकता है। कार्यक्रम का प्रारंभ कांता देवी पुगलिया के मंगलाचरण से हुआ। चंदा दुगड़, सुशील बरमेचा ने अपने विचार व्यक्त किए। साध्वी नम्रप्रभा जी ने अपने विचारों को अभिव्यक्ति दी।