धर्म है उत्कृष्ट मंगल : आचार्यश्री महाश्रमण
पूज्यप्रवर ने एनसीसी केडेट्स को प्रदान की नशामुक्ति की प्रेरणा
सांताक्रुज, 11 दिसंबर, 2023
नशामुक्ति की जन-जन को प्रेरणा प्रदान करते हुए अणुव्रत अनुशास्ता आचार्यश्री महाश्रमण जी ने पावन प्रेरणा प्रदान करते हुए फरमाया कि प्रश्न हो सकता है कि सबसे बड़ा मंगल क्या होता है? जो कल्याणकारी हो, परम सुख दिलाने वाला हो, विघ्न-बाधाओं का विनाशक हो। कुछ पदार्थ गुड़ आदि का मंगल के रूप में आसेवन किया जा सकता है। शास्त्रकार ने कहा है, उत्कृष्ट मंगल धर्म होता है। धर्म भी अनेक है पर अहिंसा, संयम और तप उत्कृष्ट मंगल है, इसमें किसी भी धर्म को आपत्ति नहीं हो सकती है। यह त्रिआयामी उत्कृष्ट मंगल है।
आज चतुर्दशी है, हाजरी का वाचन होगा। काफी साधु-साध्वियाँ यहाँ विराजित हैं। साधु तो अहिंसा, संयम और तप से संयुक्त होते हैं। जैन साधुओं के लिए पाँच महाव्रत पालनीय होते हैं। साधु तो अकिंचन होते हैं। गृहस्थों के लिए भी छोटे-छोटे नियम अणुव्रत पालनीय होते हैं। आचार्यश्री तुलसी ने अणुव्रत आंदोलन का सूत्रपात किया था। जिसके संदर्भ में अणुव्रत अमृत महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। अणुव्रतों में व्यसनमुक्ति की बात भी बताई गई है। नशीली चीजों की आदत पड़ने से व्यक्ति व्यसनी हो जाता है। पहले आदमी नशीली चीजें खाता है, बाद में ये आदमी को खाने लग जाती हैं।
व्यक्ति को अगर नशे के नुकसान को पहले से समझा दिया जाए तो वह नशामुक्त रह सकता है। अगर कोई नशे की आदत में चला जाता है, तो उसे समझाकर नशामुक्त बनाने का यथोचित प्रयास हो। एनसीसी के अनेक केडेट व अध्यापक बैठे हैं, वे नशामुक्त रहने का संकल्प ले सकते हैं। साध्वीवर्या सम्बुद्धयशा जी ने कहा कि जीवन में सही दिशा का ज्ञान होना जरूरी है। सही लक्ष्य का होना मानव जीवन में जरूरी है। हमारा लक्ष्य भी बड़ा हो, जो हमें मंजिल तक पहुँचाकर जीवन को सार्थक बना सके।
अणुविभा के तत्त्वावधान में ड्रग्स मुक्त भारत के अंतर्गत एक सम्मेलन म्समअंजम . म्गचमतपमदबम जीम त्मंस स्पमि आयोजित हो रहा है। अणुव्रत के स्थानीय संयोजक अशोक कोठारी व सह-संयोजक मुदित भंसाली ने इस सम्मेलन के संदर्भ में जानकारियाँ दी। गायिका अनुराधा पौड़वाल ने सुमधुर गीत का संगान किया। नेप्थरोलाॅजिस्ट डाॅ0 विश्वनाथ, मुनि अभिजीत कुमार जी, डाॅ0 अजहर हकीम (फिजिशियन), मेजर जनरल योगेन्द्रसिंह, प्रवास स्थल एसएनडीटी यूनिवर्सिटी के चेयरमैन, अणुविभा के अध्यक्ष अविनाश नाहर, सुमतिचंद गोठी, भूपेश कोठारी, अर्पित काबरा आदि ने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का संचालन मुनि दिनेश कुमार जी ने किया।