ज्ञान का एक सशक्त माध्यम है भाषा : आचार्यश्री महाश्रमण
अंधेरी, 6 दिसंबर, 2023
वृहत मुंबई के उपनगरों की यात्रा के तहत अंधेरी प्रवास का चैथे दिन अज्ञान रूपी अंधकार को ज्ञान का दीप जलाकर दूर करने वाले आचार्यश्री महाश्रमण जी ने मंगल देशना प्रदान करते हुए फरमाया कि हमारे जीवन में भाषा का प्रयोग होता है, लेखन और बोलने के रूप में भाषा प्रयुक्त होती है। ज्ञान का एक सशक्त माध्यम भाषा है। ग्रंथों में भाषा के माध्यम से अनेक ज्ञान की बातें लिखित होती हैं। प्रवचन-भाषण से भी ज्ञान का आदान-प्रदान हो सकता है। भाषा विकसित प्राणी होने का एक साक्ष्य हो सकता है।
शास्त्रकार ने कहा है कि आदमी झूठ न बोले। आदमी अपने या निकटतम लोगों के लिए झूठ बोल सकता है। उसका कारण है-क्रोध व भय। वैसा मृषा नहीं बोलना चाहिए। झूठ से बचकर रहना बड़ी बात है। हँसी-मजाक, स्वार्थ-लोभ या डर के कारण झूठ बोला जा सकता है। द्वेष वश भी झूठा आरोप लगाया जा सकता है। हम किसी पर भी झूठा आरोप न लगाएँ।
साध्वीवर्या सम्बुद्धयशा जी ने कहा कि संकल्प शक्ति से व्यक्ति अपने आपको बदल सकता है। वह आचरणीय बन सकता है। हमारे भीतर अनंत शक्ति है। स्वयं को बदलने से मनुष्य जन्म को सार्थक बना सकते हैं। शक्ति का ज्ञान कराने वाले गुरु होते हैं। वे आत्मा का ज्ञान देने वाले होते हैं। पूज्यप्रवर की अभिवंदना में अंधेरी के विधायक अमीर सादम ने भी अपनी भावना अभिव्यक्त की। फिल्म जगत से जुड़े कलाकारों, नगर प्रमुखों ने पूज्यप्रवर के दर्शन किए। प्रभुदास लीलाधर की चेयरमैन अमीषा बोहरा, पन्नालाल दुगड़ ने भी भावना अभिव्यक्त की। कार्यक्रम का संचालन करते हुए मुनि दिनेश कुमार जी ने आश्रव व संवर को समझाया।