दो धाराओं का मधुर मिलन

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दो धाराओं का मधुर मिलन

दरियागंज, दिल्ली।
उग्रविहारी तपोमूर्ति मुनि कमल कुमार जी स्वामी व आचार्यश्री ज्ञानचंद जी का दरियागंज में मधुर मिलन में सामूहिक प्रवचन हुआ। प्रवचन करते हुए मुनि कमल कुमार जी ने कहा कि भगवान महावीर स्वामी के 2550वें निर्माण कल्याणक वर्ष का अवसर है। इस समय हम भगवान महावीर वाणी का ज्यादा से ज्यादा प्रचार करें, प्रवचनों के माध्यम से जन-जन को महावीर वाणी से परिचय कराएँ। भगवान महावीर का उपदेश आज भी उतना ही उपयोगी है, जितना हजारों वर्ष पूर्व उपयोगी था।
मुनिश्री ने कहा कि मनुष्य के जन्म से भी ज्यादा महत्त्वपूर्ण मनुष्यता है। आज मनुष्यता का अभाव होने के कारण भाई-भाई, पिता-पुत्र, सास-बहू, पति-पत्नी में तनाव-टकराव, दुराव बढ़ता जा रहा है। इसका एकमात्र उपाय मनुष्यता ही है। मानव जीवन के साथ मानवता का विकास हो, जिससे बढ़ती हुई समस्याओं का अंत हो सके। आचार्य ज्ञान चंदजी ने कहा कि अगर हम ‘परस्परोपग्रहों जीवानाम्’ के सिद्धांत को समझकर सबका भला करने का प्रयत्न करेंगे तो हमारा भला स्वयं हो जाएगा। उन्होंने कई उदाहरण के साथ यह बताया कि अनेकांत सब समस्याओं का हल करने वाला है। उन्होंने कहा कि आज रत्नाधिक संतों से मिलकर बहुत प्रसन्नता हुई। उन्होंने आचार्यश्री तुलसी, आचार्यश्री महाप्रज्ञ, आचार्यश्री महाश्रमणजी से हुए मिलन की भी चर्चा की। कार्यक्रम की अंत में बड़ोत संघ के मंत्री तथा गांधीनगर तेरापंथ सभा के मंत्री हेमराज जैन ने भी अपने भावपूर्ण विचार प्रस्तुत किए।