महिला मंडल के विविध आयोजन

संस्थाएं

महिला मंडल के विविध आयोजन

बीदासर
साध्वी रचनाश्री जी के सान्निध्य में अभातेममं के निर्देशानुसार स्थानीय तेममं, बीदासर के द्वारा माँ-बेटी कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ महिला मंडल ने प्रेरणा गीत के द्वारा किया। साध्वीश्री जी ने कहा कि दुनिया में प्रत्येक व्यक्ति पर चार ऋण होते हैंµमातृ ऋण, पितृ ऋण, जन्मभूमि का ऋण और गुरु ऋण। इन चार ऋण से उऋण होना कठिन है। माँ संतान को केवल जन्म नहीं देती अपितु जीवन भी देती है। माँ बेटी को आगे बढ़ाने के लिए, फर्श से अर्श तक पहुँचाने के लिए प्रेरित करती है। माँ के ऋण से उऋण तभी होते हैं जब उन्हें आप अध्यात्म की प्रवृत्ति में सहयोग देते हो। संयम में सहयोग देते हो।
माँ स्वयं कष्टों को सहन कर बेटी के लिए सुरक्षा की ढाल बनती है। कार्यक्रम में उपस्थित माँ-बेटी के जोड़ों को संबोधित करते हुए साध्वीश्री जी ने कहा कि बेटी को माँ द्वारा दिए गए संस्कार को सकारात्मकता के साथ अपनाना चाहिए। दूसरों के अवगुण देखना नेगेटिविटी है, उन्हीं में अच्छाई ढूँढ़ लेना पॉजिटिविटी है। व्यक्ति अगर स्वदोष दर्शन और परगुण दर्शन करने लग जाए तो वह हर रिश्ते को मधुरता के साथ निभा सकता है। इसके साथ ही माँ बेटी के जोड़ों में क्वीज का आयोजन किया गया। जिसमें माँ-बेटी के रिश्ते से संबंधित रोचक प्रश्न-उत्तर का क्रम चला। बेटी को संस्कार न देने पर क्या परिणाम आते हैं। इस पर साध्वी रचनाश्री जी द्वारा निर्मित एक लघु नाटिका प्रस्तुत की गई।