महिला मंडल के विविध आयोजन

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महिला मंडल के विविध आयोजन

भीनासर
तेरापंथ भवन में महिला मंडल के तत्त्वावधान में आयोजित कार्यशाला ‘माँ का दिशाबोध - बेटी की उड़ान’ विषय पर मुनि चैतन्य कुमार जी ‘अमन’ ने कहा कि दुनिया में सर्वाधिक नजदीक का रिश्ता होता है-माँ-बेटी का। माँ बेटी को जितना समझ सकती है उतना और कोई नहीं। बेटी भी माँ को जितनी खुलकर अपनी बात कह सकती है और किसी को नहीं। बेटी के जीवन को सँवारने व संस्कारी बनाने में माँ की विशेष भूमिका होती है। अतः माँ का उपकार संतान पर सर्वोपरि होता है। माँ ही बेटी की सच्ची सहेली शुभचिंतक व हितचिंतक होती है। माँ ही बेटी को दिशा बोध देने में अच्छा योगदान करती है।
मुनि अमन कुमार जी ने आगे कहा कि यह पुनीत कर्तव्य होता है कि वह बेटी को इस प्रकार से दिशा बोध दे कि उसकी उड़ान आकाश को छूने वाली हो, किंतु पैर धरती पर रहे। पारिवारिक, सामाजिक, धार्मिक सभी क्षेत्रों में विकास हो। शिक्षा के साथ अच्छे संस्कारों का योगदान दें, ताकि उसके जीवन में भटकाव न आए, गलत निर्णयों से बचाव कर सके, संकट की घड़ी में हौसले बुलंद रह सकें, यह अपेक्षा है।
नमस्कार महामंत्र के साथ महिला मंडल सदस्याओं ने सामूहिक रूप से गीत का संगान किया। मोनिका सेठिया, भावी सेठिया, प्रेरणा सेठिया, जागृति सेठिया, विनीता-महक सेठिया, पिंकी कोचर, संपत बोथरा, शुचि पुगलिया, उर्मिला सेठिया ने विचार व्यक्त किए। कार्यशाला का संचालन महिला मंडल अध्यक्षा शशि गोलछा ने किया। कार्यक्रम में सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तर के माध्यम से ज्ञान वृद्धि का प्रयास किया गया।