वीतराग बनने के लिए कषाय विजय है जरूरी

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वीतराग बनने के लिए कषाय विजय है जरूरी

पर्वत पाटीया। अभातेयुप के महत्त्वपूर्ण आयाम वीतराग पथ कार्यशाला का आयोजन आचार्य श्री महाश्रमण जी के आज्ञानुवर्ती बहुश्रुत परिषद् सदस्य मुनि उदित कुमार जी एवं सुशिष्य मुनि पारस कुमार जी आदि ठाणा-4 के सान्निध्य में तेयुप पर्वत पाटीया द्वारा तेरापंथ भवन पर्वत पाटीया में किया गया। कार्यशाला का शुभारंभ नमस्कार महामंत्र के मंगल उच्चारण से हुआ। मुनि उदित कुमार जी ने कहा कि वीतरागता हमारे जीवन का उच्चतम आदर्श है। आदर्श जितना ऊँचा होगा, जीवन उतना ही ऊँचा होगा।
वीतराग बनने के लिए कषायों पर विजय प्राप्त करना जरूरी है।वीतरागी के लिए धर्म रूपी उद्यान में भ्रमण करना पड़ता है। मुनि पारस कुमार जी ने गोचरी व भावना के महत्त्व को समझाया। मुनि ज्योर्तिमयकुमार जी ने अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर महासभा, अभातेयुप, स्थानीय सभा, महिला मंडल, तेयुप आदि संस्थाओं के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित थे। कार्यशाला में लगभग २०० संभागियों की उपस्थिति रही। तेयुप अध्यक्ष दिलीप चावत ने स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन तेयुप मंत्री पवन बुच्चा ने किया।