वात्सल्य का स्रोत बहाने वाली साध्वी सोमलताजी

वात्सल्य का स्रोत बहाने वाली साध्वी सोमलताजी

सौम्य प्रकृति मधुर वाणी, वात्सल्य का स्रोत बहाने वाली, जन-जन को आकर्षक व्याख्यान शैली से आकर्षित करने वाली, गुरु दृष्टि की आराधना से गुरु की अनन्य कृपा दृष्टि प्राप्त करने वाली साध्वी श्री सोमलताजी महासतियां जी लम्बे समय से असाता वेदनीय कर्म को समभाव से सहन करती हुई ८ मार्च को देवलोक हो गये। साध्वीश्री का जो वात्सल्य व कृपा दृष्टि मिली उसका स्मरण करते ही गद्-गद् हो गये। साध्वीश्री भाग्यशाली थी, गुरु सन्निधि का मंगल अवसर मिल गया, साथ ही गुरु कृपा से दिल्ली से चलकर मुनिश्री कमल कुमारजी स्वामी ने मुम्बई पधार कर बड़ी बहिन को दर्शन सेवा देने का अवसर प्राप्त किया, साता पहुंचाई व समाधि मरण में आध्यात्मिक सहयोग कर अन्तिम मनोरथ को पूर्ण करवाया।
साध्वी शकुन्तलाश्रीजी, संचितयशा जी, जागृतप्रभाजी, रक्षितयशा जी ने साध्वीश्री को सेवा कर साता पहुंचाई आपके योग से भी साध्वीश्री हर समय चित्त समाधि में ही रहते। अब तो खाली-खाली महसूस हो रहा है, फिर भी मुनिश्री के मनोबल, तपोबल से भी आपको संबल मिल रहा है। गुरुदेव का भी संबल प्राप्त हो गया। साध्वीश्री उत्तरोत्तर उच्च गति को प्राप्त करते हुए मोक्ष गति का वरण करे।