कर्म कसौटी पर खरी उतरीं

कर्म कसौटी पर खरी उतरीं

शासनश्री साध्वी सोमलताजी का अनशनपूर्वक महाप्रयाण हो गया। वे अत्यंत शांत, धीर, गंभीर, व्यवहार कुशल, मिलनसार एवं मधुरभाषिणी साध्वी थी। वे अस्वस्थ चल रही थी। वेदनीय कर्म ने भी उनकी पूरी कसौटी की और उस कसौटी पर साध्वी सोमलताजी शत प्रतिशत खरी उतरी। उनका मनोबल प्रेरणादायी था। श्रद्धेय गुरुदेव की असीम अनुकंपा से उनके भ्राता उग्रविहारी मुनिश्री कमलकुमारजी स्वामी का अंतिम समय में खूब अच्छा सहयोग मिला यह साध्वी सोमलताजी के लिए अत्यंत सौभाग्य की बात थी। सहवर्ती साध्वियां साध्वी शकुंतलाश्रीजी, साध्वी संचितयशाजी, साध्वी जागृतप्रभाजी एवं साध्वी रक्षितयशाजी ने जी जान से उनकी सेवा कर महान कर्म निर्जरा की है एवं अपने दायित्व का निर्वहन किया है।
गुरुदेव की कृपा से दादर श्रावक-श्राविका समाज ने भी अपने दायित्व का सम्यक् निर्वहन किया है। सहवर्ती चारों साध्वियां खूब मनोबल बनाये रखें। चित्त समाधि में रहें। दिवंगत आत्मा के ऊर्ध्वारोहण की मंगलकामना।