साध्वी प्रमुखाश्री लाडांजी के कर कमलों से दीक्षित होना सौभाग्य की बात
'शासनश्री' साध्वी सोमलताजी तेरापंथ धर्मसंघ में छोटी उम्र में दीक्षित हुई। सहिष्णुता की प्रतिमूर्ति साध्वी प्रमुखाश्री लाडांजी के कर कमलों से दीक्षित होना उनका विशेष सौभाग्य था। बाद में बीदासर में उनकी पवित्र सन्निधि में संयम-साधना का सुन्दर मौका मिला। बहिर्विहार में अनेक क्षेत्रों की यात्रा की, शासन की गौरववृद्धि की। लम्बे समय से मुम्बई में प्रवास कर संघ एवं स्वास्थ्य की संभाल की। तपोमूर्ति मुनिश्री कमल कुमारजी का सहयोग मिला। मुम्बई में गुरुदेव के ऐतिहासिक चातुर्मास का दुर्लभ लाभ मिला। अनशन पूर्वक संयम यात्रा संपन्न कर शासन एवं परिवार का सुयश बढ़ाया।