भगवान महावीर जन्म कल्याणक दिवस पर िवभिन्न कार्यक्रम
तमिलनाडु के सिरकाली में स्थित श्री एस.एस. जैन स्थानक में मुनि दीपकुमार जी के सान्निध्य में भगवान महावीर का 2623वां जन्म कल्याणक महोत्सव का आयोजन किया गया। चेन्नई से समागत उपासक जयन्तीलाल सुराणा कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। मुनि दीपकुमार जी ने कहा आज हम अहिंसा और अनेकांत के उद्गाता की यशोगाथा गा रहे हैं, स्तुति कर रहे हैं लेकिन इतने से कल्याण नहीं होगा। महावीर हमारी जिव्हा पर नहीं हमारे जीवन में रहें। महावीर को दीवार पर लिखने की बजाय दिल में रखने की कोशिश करें, तभी हमारा कल्याण होगा। भगवान महावीर ने महावीर-पंथ का अनुगामी बनने की बात नहीं, स्वयं महावीर बनने की बात कही। भगवान महावीर का मार्ग स्वयं महावीर बनने का मार्ग है। हर व्यक्ति अपने भीतर छिपे महावीरत्व को जगा कर महावीर बनने की दिशा में प्रस्थान करें। मुनिश्री ने आगे कहा- भगवान महावीर के सिद्धांत वर्तमान युग में बहुत प्रासंगिक हैं। अहिंसा, अपरिग्रह और अनेकान्त द्वारा समस्याओं से निजात पाई जा सकती है। मुनि काव्यकुमार जी ने कहा - भगवान महावीर केवल व्यक्ति नहीं, संस्कृति है। महावीर केवल शब्द नहीं विचारधारा है। भगवान महावीर धर्म प्रवर्तक ही नहीं थे, वे तो महान लोकनायक, जन-जन के उन्नायक थे। मुख्य अतिथि जयन्तीलाल सुराणा ने कहा- भगवान महावीर पुरुषोत्तम थे। उन्होंने भीषण कष्टों को सहा था। कार्यक्रम में महिला मंडल सिरकाली की बहिनों ने मंगलाचरण किया। बच्चों ने नाटक की प्रस्तुति दी। महिला मंडल ने चौदह महा स्वपनों की प्रस्तुति दी। मुस्कान खिवेसरा, श्रेष्ठा कोठारी, रुचिका गोलछा, लक्ष कोठारी, दीपमाला जैन, एस एस जैन संघ के मंत्री धनराज चौधरी, सौभागमलजी सांड आदि ने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का संचालन महासभा क्षेत्रीय प्रभारी ज्ञानचंद आचलिया ने किया।