चमक रहा है, विश्व क्षितिज पर
चमक रहा है विश्व क्षितिज पर महाश्रमण अभियान तुम्हारा।
पावनतम है आभामण्डल महाश्रमण सबका मनहारा।।
बड़भागी वह धरा बनी है जहां प्रभु ने जन्म लिया है,
मात-तात मन खुशियां छाई मोहन प्यारा नाम दिया है।
दुगड़ कुल का लाल लाडला बना सभी का प्राण पियारा।।
तुलसी की पैनी नजरों ने परख लिया व्यक्तित्व तुम्हारा,
मुख-मुख पर है आज बोलता महाश्रमण कर्तृत्व तुम्हारा।
सुखमय है प्रभु शरण तुम्हारी सफल बना अरमान हमारा।।
ओ करुणा के महासिंधु तेरी करुणा का आर न पार,
सहज सरल है प्रवचन शैली बहती अमृत रस की धार।
पावन चरण सन्निधि पाई तोडूं भवबंधन की कारा।।
युगों-युगो तक मिले शासना नेमा नन्दन हमें तुम्हारी,
आश फली, अभिलाष फली अब सुरभित होगी मन फुलवारी।
भैक्षव शासन नन्दनवन सा संघ मिला सौभाग्य हमारा।।