युवकों में हो संकल्प शक्ति का विकास

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युवकों में हो संकल्प शक्ति का विकास

परम पूज्य गुरुदेव के चातुर्मास प्रवास के संदर्भ में तेरापंथ युवक परिषद् उधना द्वारा ‘कैसे हो युवा शक्ति का जागरण’ विषयक कार्यशाला का आयोजन मुनि उदितकुमार जी के सान्निध्य में हुआ। मुनिश्री ने कहा- पूज्यवर का सूरत महानगर में पदार्पण नगर वासियों के लिए विशेषत: श्रद्धालु श्रावक समाज के लिए एक अद्वितीय अवसर है। युवाओं के लिए तो यह एक स्वर्णिम काल है।
मुनिश्री ने आगे कहा कि किसी भी कार्य में अगर युवा शक्ति सक्रियता के साथ जुड़ जाए तो उस कार्य में सफलता सहज ही प्राप्त हो जाता है। युवक समाज की रीढ़ होते हैं। आज आर्थिक दौड़ में युवा तेजी से दौड़ रहे हैं पर धार्मिक क्षेत्र में भी शिथिलता नहीं आनी चाहिए। पूज्यवर का चातुर्मास हेतु सूरत पदार्पण हो रहा है युवा अपनी क्षमता का संगोपन न कर अपनी शक्ति को पूज्यवर की सेवा और संघ प्रभावना में अर्पित करें। इस कार्यशाला का मंगलाचरण भजन मंडली ने विजय गीत के संगान के साथ किया‌। मुनि ज्योतिर्मय कुमार जी ने अपने प्रासंगिक विचार रखे। स्थानीय वरिष्ठ श्रावक लक्ष्मीलाल बाफणा ने श्रावक निष्ठा पत्र का वाचन किया। अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद गुजरात संभाग प्रमुख कुलदीप कोठारी, तेयुप उधना अध्यक्ष हेमंत डांगी, तेरापंथ महिला मंडल उधना की अध्यक्ष सोनू बाफना, संपत आंचलिया, तेरापंथ सभा के मंत्री सुरेश चपलोत, पूर्व तेयुप अध्यक्ष सुनील चंडालिया ने अपने विचार रखे। कार्यक्रम का संचालन मंत्री विकास कोठारी ने किया। चतुर्दशी के उपलक्ष्य में मुनिश्री ने हाजरी का वाचन किया। आचार्यश्री महाश्रमण के सूरत चातुर्मास के संदर्भ में करणीय कार्यों के संदर्भ में मुनिश्री ने बलवती प्रेरणा प्रदान की। बड़ी संख्या में युवाओं ने विभिन्न उपक्रमों में अपनी सेवा देने हेतु स्वयं को प्रस्तुत किया। कार्यशाला के संभागी किशोर-युवाओं के साथ खुला मंच चला जिसमें उनके द्वारा समागत जिज्ञासाओं का मुनिश्री ने समाधान दिया।