केंद्रीय संस्थाओं की ओर से भावपूर्ण अभिवंदना स्वर

केंद्रीय संस्थाओं की ओर से भावपूर्ण अभिवंदना स्वर

अतिशय गुणों के धारक महातपस्वी युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमणजी का व्यक्तित्व अलौकिक और अद्वितीय है। आचार्यश्री महाश्रमणजी ज्ञान, दर्शन, चारित्र, तप एवं वीर्य- इस पंचाचार की साधना के जीवन्त प्रतिरूप हैं। संतता के शिखर पर विराजमान एक अप्रमत्त योगी हैं। आपश्री आत्म कल्याण के साथ ही मानव मात्र के कल्याण के लिए भी अहर्निश प्रयत्नशील हैं।
परम पूज्य आचार्यश्री महाश्रमणजी की असीम अनुकम्पा से दीक्षा दिवस के इस अवसर को ‘युवा दिवस’ के रूप में मनाते हुए अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद् परम सौभाग्य एवं धन्यता की अनुभूति कर रहा है। अभातेयुप को यह अवसर प्रदान कराने के लिए मैं पूज्य चरणों में अनन्त कृतज्ञता ज्ञापित करता हूं। मैं आचार्य महाश्रमण दीक्षा कल्याण महोत्सव के पावन अवसर पर शत्-शत् वंदन करते हुए यह मंगलकामना करता हूं कि परम पूज्य गुरुदेव स्वस्थ एवं शतायुधिक जीवन जीते हुए धर्म की विराट चेतना का पुंज बनकर युगों-युगों तक मानव जाति के मंगल और कल्याण का मार्ग प्रशस्त करते रहें।