केंद्रीय संस्थाओं की ओर से भावपूर्ण अभिवंदना स्वर

केंद्रीय संस्थाओं की ओर से भावपूर्ण अभिवंदना स्वर

आचार्य श्री महाश्रमण एक ऐसे महापुरुष का नाम है जो अपने व्यक्तित्व व कर्तृत्व से लाखों-लाखों लोगों के जीवन को सकारात्मक दिशा दे रहे हैं। तृतीय अणुव्रत अनुशास्ता के रूप में सन 2010 से आचार्य श्री महाश्रमण अणुव्रत आंदोलन को अपना विलक्षण नेतृत्व प्रदान कर रहे हैं। 14 वर्षों के इस कालखंड में अणुव्रत आंदोलन ने नयी करवट ली है। अणुव्रत उद्घोष है - संयम ही जीवन है। आचार्य श्री महाश्रमण स्वयं संयमित जीवनशैली के शिखर पुरुष हैं। उनके जीवन में संयम, सादगी और प्रामाणिकता की पराकाष्ठा देखी जा सकती है। आपने अपनी अणुव्रत यात्रा के तीन प्रमुख उद्देश्यों में अणुव्रत दर्शन के तीन मूलभूत तत्त्वों को शामिल किया- नैतिकता, सद्भावना और नशामुक्ति। अपनी प्रलंब पदयात्राओं में आपने लाखों लोगों को इन तीन सदाचरणों के प्रति संकल्पित कराया है।
आचार्य प्रवर के संत जीवन की संयम यात्रा के 50 वर्षों की सम्पूर्णता पर आयोजित 'दीक्षा कल्याण महोत्सव' के पुनीत अवसर पर सम्पूर्ण अणुव्रत परिवार की तरफ से मैं अणुव्रत अनुशास्ता के प्रति मंगलकामना व्यक्त करता हूँ। आप युगों-युगों तक मानव जाति के कल्याण का मार्ग प्रशस्त करते रहें।