स्वर्णिम भोर का अभिनंदन

स्वर्णिम भोर का अभिनंदन

स्वर्णिम भोर का अभिनंदन,
स्वर्णिम दौर का अभिनंदन,
वंदन, चयन दिवस पावन दिन आया,
विश्रुत आभावलय सुहाया,
करें हम शत-शत वर्धापनम् महासतीवर,
चयन दिवस है सुंदरं महासतीवर,
चयन दिवस है शोभनम्।।

ज्य हो जय ज्योतिचरण की, जय हो जय महाश्रमण की,
गण को नव ज्योतिकिरण दी हम हैं खुशहाल,
साध्वी प्रमुखाश्री पद, आपसे हुआ सुशोभित,
नय युग ने दस्तक दी, हम हैं खुशहाल।
नया सृजन सुरभित गण बगिया, प्रज्ञा से निखरे गण कलियां।।

कैसे हम तुम्हे बहाएं, वर्धापन स्वर गूंजाए,
भाव उपहार सजाएं, शुभ भूयात्
छूलें दिव्य आसमां, सफल हो सारे अरमां,
साधना की शुभ प्रतिभा, शिवं भूयात्।
शिवास्तु ते सन्तु पन्थानः, हर दिल गाए यही तराना।।

साध्वीप्रमुखा श्री बेस्ट, चिन्तन शैली लेटेस्ट,
ईस्ट हो चाहे वेस्ट, चढ़े एवरेस्ट,
साध्वी विकास में इंटरेस्ट, हमारी हार्दिक रिक्वेस्ट,
साध्वीवृंद प्रगति पथ पर बढे फास्टेस्ट,
दृष्टि आराधन कर पाएं, हर इंगित साकार बनाएं।।
लय - तूने पायल है छलकाई