शुभ उत्सव आया है

शुभ उत्सव आया है

प्रभु दीक्षा स्वर्ण जयंति, शुभ उत्सव आया है।
गण उपवन में खुशियां, नव रंग छाया है।
सरदारशहर की पावन धरती मुसकाई है।
मां नेमा झूमर कुल में बाजी शहनाई है।
देव कुंवर सा नंदन, सबके मनभाया है।।
मुनि सुमेर नजरों को हीरा अमूल्य मिला।
तुलसी महाप्रज्ञ चरणों में जीवन मंदार फला।
मंत्री मुनि संबोधन से, दीक्षा गुरु को विरूदाया है।।
अमृत देशना तेरी, जन-मन पीड़ा हरती।
कल्पवृक्ष की छाया रीति गागर भरती।
करूणा का दरिया प्रभु के दिल में लहराया है।।
कीर्तिमानों के स्वस्तिक रच स्वर्णिम इतिहास गढ़ा।
भैक्षव शासन का गौरव दुनियां में शिखर चढ़ा।
देख विनम्रता प्रभु की, जन-जन चकराया है।।
पुण्योदय से पाई, चरण निधि भारी।
गुरुदृष्टि जीवन सृष्टि खिल जाये फुलवारी।
ज्योति चरण शरण में, गुलशन विकसाया है।।
लय - ओ कागद दे गयो