स्वर्ण जयन्ती आई है
संयम जीवन की स्वर्ण जयन्ती आई है।
भैक्षव गण में, खुशियां छाई है।
वैशाखी महिना कितनी हर्ष हिलौरें लाया।
देव कुंवर सा जन्मा, दुगड़ कुल पुण्याई है।।
वैशाखी महिना पाया, संयम सुमेर मुनिवर से।
मोहन मुदित बन, ऊंची करी चढाई है।।
वैशाखी महिने में, साझपति पद आया।
गुरू द्वय की नजरां, नेहिल पाई है।।
वैशाखी महिने में, पट्टोत्सव आया।
गण नायक पा, बगिया सरसाई है।।
पुण्य पौरसा महाश्रमण गुरू, पाकर भाग्य सरावां।
शुभ दृष्टि पा, कलियां विकसाई है।।
लय - ओ भैरूंजी थारो भक्त