दर्शन से मिलता जीवन का सार
मुख मंडल की मोहक मुस्कान, सबको देती है खुशियां अपार।
अमृत बरसता नयनों से जिनके, दर्शन से मिलता जीवन का सार।।
छोटी उम्र में दीक्षा ली थी संघ में, कौन जानता होंगे संघ प्रणेता।
विलक्षण ज्ञान, अदभुत गुरुभक्ति से, मिले संघ को नए अध्येता।।
गुरु तुलसी, महाप्रज्ञ ने संवारा जिनको, मिला संघ को तपस्वी महान।
मुनि मुदित को बनाया महाश्रमण, समूचे संघ की सौंपी सार संभाल।।
प्रेम, करुणा, वात्सल्य का भाव भरा है, गुरुवर आपके तन-मन में।
गुरु भक्ति की लौ जगे हृदय में, खुशियों का प्रकाश मिलता जीवन में।।
मिले प्रकाश ज्ञान का गुरुवर से , मिटता अज्ञान का अंधियारा।
ज्ञान से मिलता पथ प्रगति का, पूजता ज्ञान को जग सारा।।
दीक्षा के स्वर्ण जयंती वर्ष पर, बहुत बहुत करते गुरुवर वंदन।
संघ और संघ पुरुष चिरायु रहे हमेशा, हम करते हैं अभिनंदन।।