तेरापंथ महिला मंडल के विविध आयोजन

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तेरापंथ महिला मंडल के विविध आयोजन

अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल के निर्देशानुसार तेरापंथ महिला मंडल टिटिलागढ़ के द्वारा समणी निर्देशिका जिनप्रज्ञाजी, समणी क्षान्तिप्रज्ञाजी के सानिध्य में आराधना आराध्य की के अंतर्गत 'महाश्रमणोस्तु मंगलम' कार्यक्रम का आयोजन किया गया। स्नेहा जैन एवं रूपा जैन के महाश्रमण अष्टकम के संगान साथ कार्यक्रम का प्रारंभ हुआ। महिला मंडल ने महाश्रमण गीत का संगान किया। समणी निर्देशिका जिनप्रज्ञाजी ने कहा कि यूरोप के चाणक्य मार्कबस के अनुसार जिनके जीवन में, चिंतन में उदारता, व्यवहार में मानवीयता तथा सफलता में विनम्रता होती है, वह व्यक्ति विराट व्यक्तित्व का धनी होता है और आचार्यश्री महाश्रमण जी के जीवन में यह तीनों ही बातें दिखाई देती हैं। समणीजी ने गुरुदेव की अष्टगणी संपदा का सुंदर विश्लेषण करते हुए कहा कि आचार्यप्रवर का अपनी इंद्रियों पर कंट्रोल है, जीवन साधनामय है।
आगम और शास्त्रों के ज्ञाता होने के साथ-साथ आप सीमित शब्दों से सरल भाषा में समझाते हैं, आपमें बौद्धिक कौशल है, शिष्य, शिष्याओं को योग्य बनाने में आप कुशल हैं। सुमन जैन ने अपने विचार व्यक्त किये। विगत 19 वर्षों से वर्षीतप कर रही बहन मेम देवी जैन का सभा, महिला मंडल की ओर से स्वागत एवं अभिनंदन किया गया। महिला मंडल और ज्ञानशाला के बच्चों ने अक्षय तृतीया के सन्दर्भ में नाटक की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का संचालन कृष्णा जैन एवं रूपचंद जैन ने किया।