अणुव्रत है मानव मात्र के चरित्र निर्माण का उत्तम मार्ग

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अणुव्रत है मानव मात्र के चरित्र निर्माण का उत्तम मार्ग

भिक्षु साधना केंद्र छापर के सभागार में श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथ धर्म संघ के नवम आचार्य श्री तुलसी के 28वें निर्वाण दिवस पर व्यवस्थापक मुनि डॉ. विनोद कुमार जी के सान्निध्य में श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुनिश्री ने कहा कि आचार्यश्री तुलसी ने धर्म संघ को अणुव्रत का अनमोल उपहार दिया जो आज के युग में हिंसा से अहिंसा की ओर ले जाने का सर्वोत्तम उपाय है। यह मनुष्य को तनाव से मुक्त करता है तथा शारीरिक व मानसिक रूप से सशक्त बनाता है। अणुव्रत मानव मात्र के चरित्र निर्माण का उत्तम मार्ग है। अपने शासन काल में आचार्य श्री तुलसी ने धर्म संघ की प्रतिष्ठा के परचम को उच्चतम शिखर प्रदान किया। तेरापंथ महिला मंडल की सदस्याओं द्वारा मंगलाचरण से कार्यक्रम प्रारम्भ हुआ। कार्यक्रम में सूरजमल नाहटा, विमल कुमार बैद, हेमलता दुधोड़िया, प्रिया दुधोड़िया, संजना जैन ने अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम का संचालन सरोज देवी भंसाली ने किया। इस अवसर पर छापर के गणमान्य जन व बडी संख्या में श्रावक-श्राविकाएं उपस्थित रहे।