गणाधिपति पूज्य गुरुदेव आचार्यश्री तुलसी के महाप्रयाण दिवस पर विविध आयोजन
तेरापंथ महिला मंडल बीदासर ने मघवा समवसरण के प्रांगण में केंद्र व्यवस्थापिका साध्वी कार्तिकयशाजी के सान्निध्य में ‘विसर्जन दिवस’ का आयोजन किया। कार्यक्रम की शुरुआत सरलादेवी गंग द्वारा तुलसी अष्टकम् से की गई। सामूहिक जप के पश्चात महिला मंडल द्वारा सुमधुर गीतिका का संगान किया गया। साध्वी कार्तिकयशाजी ने कहा कि गुरुदेव तुलसी ने, ‘मेरा जीवन मेरा दर्शन’ पुस्तक में लिखा है- जैसे भगवान महावीर के तीन नाम प्रचलित थे वर्धमान, ज्ञातपुत्र और महावीर, वैसे ही मुनि अवस्था में मेरे भी तीन नाम प्रचलित थे पहला बांसुरी महाराज क्योंकि मैं गीतिका सुंदर गाता था, दूसरा शौकिया महाराज क्योंकि मैं टिप टॉप रहता था और मेरा रंग रूप, चाल ढाल सब हटकर था, तीसरा मास्टर महाराज क्योंकि छोटी अवस्था में ही मेरी पाठशाला चलती थी जिसमें अनेक संत मेरे विद्यार्थी थे। 'शासनश्री' साध्वी विमलप्रभाजी, 'शासनश्री' साध्वी मदनश्रीजी एवं साध्वी वृंद ने सुमधुर गीतिकाओं द्वारा गुरुदेव तुलसी को भावांजलि समर्पित की। 'शासनश्री' साध्वी अमितप्रभाजी, साध्वी जयंतयशाजी, साध्वी अक्षयप्रभाजी एवं साध्वी सिद्धियशाजी ने अपने अभिव्यक्ति दी। शांतिदेवी बांठिया एवं सुमन देवी बैंगानी ने अपने विचार प्रस्तुत किए। कार्यक्रम का कुशल संचालन महिला मंडल की मंत्री भावना दूगड़ ने किया। आभार ज्ञापन संपतदेवी बोथरा ने किया।