युवक है समाज की शक्ति और सामर्थ्यवान धरोहर

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युवक है समाज की शक्ति और सामर्थ्यवान धरोहर

हासन। तेरापंथ युवक परिषद हासन द्वारा आयोजित 'युवा संवाद' कार्यक्रम के अन्तर्गत मुनि मोहजीतकुमारजी ने कहा कि युवक समाज की शक्ति और सामर्थ्यवान धरोहर है जिसका उपयोग संघ और समाज के उत्थान में किया जा सकता है। इसके लिए वह किसी महान व्यक्ति को जीवन का आदर्श बनाएं। अपनी योग्यता का आकलन स्वयं करें। प्रत्येक युवक अपने जीवन में सफलता को प्राप्त करना चाह‌ता है। इस हेतु उसके हृदय में सरलता, मन में कोमलता, स्वभाव में शीतलता हो तब ही वह हर क्षेत्र में सफल बन सकता है।
मुनि भव्यकुमार जी ने युवकों के व्यक्तित्व को निखारने के चार जीवन मानक को प्रकट करते हुए कहा कि प्रत्येक युवक में चरित्रबल, विश्वास बल, समर्पण बल और पुरुषार्थ बल सुदृढ़ होना चाहिए। मुनि जयेशकुमार जी ने कहा कि युवा पहला संवाद स्वयं से स्थापित करे कि वह कौन है और जिन्दगी में क्या हासिल करना चाहता है? जो व्यक्ति सपने को संकल्प और संकल्प को हकीकत बनाते है ऐसे दृढ़ संकल्पी ही जीवन में महानता का वरण करते हैं। संचालन युवक परिषद के मंत्री मनीष तातेड़ ने किया। आभार शरत भंसाली ने किया।