रंग-बिरंगे कार्यक्रमों की एक झलक
आचार्यश्री महाश्रमणजी की सुशिष्या साध्वीश्री शकुन्तलाकुमारी जी के सान्निध्य में खार में नित नये कार्यक्रम आयोजित हुए। प्रश्न मंच, अभिनव सामायिक व दम्पति शिविर ने खार के श्रावक-श्राविकाओं में नव उत्साह का संचार किया। त्रिदिवसीय तत्व ज्ञान कार्यशाला में नमस्कार महामंत्र, लोगस्स, अर्हत् वंदना के बारे में विषेश रूप से चर्चा हुई। साध्वी शकुन्तला कुमारीजी ने सामायिक के बारे में बताते हुए कहा- सामायिक कल्पवृक्ष, चिन्तामणि रत्न है। कल्पवृक्ष से सब इच्छाओं की पूर्ति होती है वैसे ही शुद्ध सामायिक से अध्यात्मिक संपदा प्राप्त होती है। दम्पति जीवन के विषय पर साध्वी श्री ने कहा- एक दूसरे पर विश्वास रखें, सहन करें और मधुर वाणी से वार्तालाप करें। साध्वी संचितयशाजी ने दैनिक दिनचर्या के फार्मूले बताये।
साध्वी जागृतप्रभाजी ने ध्वनि व जप के प्रयोग करवाये। साध्वी रक्षितयशाजी ने मधुर गीतों का संगान करते हुए कहा- प्रत्येक व्यक्ति को माइंड में आईस फैक्ट्री व मुख में शुगर फैक्ट्री खोलनी चाहिए। प्रश्न-मंच प्रतियोगिता में ऐतिहासिक, तात्विक प्रश्नों को पूछते हुए उनके बारे में विशेष जानकारी दी। इस अवसर पर सुरेश कमलादेवी छाजेड़ ने यावज्जीवन शीलव्रत स्वीकार किया। महिला मण्डल ने मंगलाचरण किया। सभा अध्यक्ष जवेरीमल जैन ने कृतज्ञता ज्ञापित की। पारस जैन ने अपने भावों की अभिव्यक्ति दी।