चातुर्मास के लिए नगर प्रवेश
युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमणजी के सुशिष्य मुनि मोहजीतकुमार जी आदि ठाणा 3 ने सन् 2024 के चातुर्मास के लिए चिकमंगलूरु में नगर प्रवेश किया। संघ के श्रावक-श्राविकाओं ने मुनित्रय की अगवानी करते हुए स्वागत यात्रा के रूप में अपने उल्लास को प्रकट किया। चिकमंगलूरु प्रवेश के बाद स्वागत समारोह में मुनि मोहजीतकुमार ने कहा कि परम श्रद्धेय आचार्य श्री महाश्रमणजी से आशीर्वाद लेकर मुम्बई से चिकमंगलूर पहुंच गए। मुनिश्री ने सभी संस्थाओं को साथ लेकर दायित्व के प्रति सजग रहने की प्रेरणा प्रदान करते हुए चातुर्मास काल में पंचाचार की आराधना में सक्रिय पुरुषार्थ करने का आह्वान किया।
मुनि भव्यकुमार जी ने कहा कि हमारा आचार-विचार पवित्रता के शिखर पर पहुंचे। इसके लिए आत्म भावों से भावित होना आवश्यक है। मुनि जयेशकुमार जी ने अपने संसार पक्षीय ज्ञातिजनों के क्षेत्र चिकमंगलूरु में आगमन के अवसर पर चार निक्षेपों की व्यावहारिक व्याख्या करते हुए कहा कि सभी श्रावक-श्राविकाओं को अध्यात्म के भावों से आत्म उज्ज्वलता की शक्ति को अर्जित करना है। इस अवसर पर तेरापंथी सभा के पूर्व अध्यक्ष ताराचन्द सेठिया वर्तमान अध्यक्ष महेन्द्र डोसी, जयप्रकाश गादिया, सुरेंद्र गादिया आदि ने अपनी भावाभिव्यक्ति दी ।