वीतराग पथ कार्यशाला का आयोजन

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वीतराग पथ कार्यशाला का आयोजन

चेन्नई। अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद के तत्वावधान में तेयुप चेन्नई की आयोजना में साध्वी डॉ. गवेषणाश्री जी ठाणा-4 के सान्निध्य में वीतराग पथ कार्यशाला का आयोजन तेरापंथ सभा भवन, साहूकारपेट में किया गया। साध्वीश्री ने नमस्कार महामंत्र द्वारा कार्यशाला का मंगल शुभारंभ किया। तेयुप साथियों ने मंगलाचरण प्रस्तुत किया। अध्यक्ष दिलीप गेलडा ने स्वागत स्वर प्रस्तुत किए। सभी साध्वीवृन्द ने गीतिका और वक्तव्य से राग से विराग की ओर बढ़ने की प्रेरणा दी।
साध्वी डॉ. गवेषणाश्री ने वीतराग पथ का अर्थ समझाते हुए उस पथ पर गतिशील होने के लिए कोध्र को छोड़ने, धीरज धरने, अपने स्वभाव में रहने इत्यादि बिंदुओं को समझाते हुए कहा कि पानी गर्मी में भाप, ठण्डी में बर्फ, कचरे के मिलने पर गंदा हो जाता है, अपने स्वभाव को छोड़ देता है। वहीं चन्दन घिसने, तोड़ने, जलाने पर भी अपने स्वभाव को नहीं छोड़ता, उसी तरह हमें भी किसी भी परिस्थिति, परिणाम में अपने मूल स्वभाव दया, मैत्री, करुणा, क्षमा इत्यादि को नहीं छोड़ना चाहिए।
मंत्री कोमल डागा ने कार्यक्रम का संचालन किया। तेयुप द्वारा विभिन्न स्थानों पर चलने वाले मेघा ब्लड डोनेशन ड्राइव के बैनर का लोकार्पण किया गया। उपाध्यक्ष सुधीर संचेती ने धन्यवाद ज्ञापन किया।