अवर वैल्यू अवर कल्चर कार्यशाला का आयोजन

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अवर वैल्यू अवर कल्चर कार्यशाला का आयोजन

चेन्नई। डॉ. साध्वी गवेषणाश्रीजी के सान्निध्य में अवर वैल्यू अवर कल्चर कार्यशाला का आयोजन किया गया। साध्वीश्री के नमस्कार महामंत्र के पश्चात अशोक लुणावत ने मंगलाचरण किया। साध्वी दक्षप्रभाजी ने गीतिका का संगान किया। साध्वी डॉ. गवेषणाश्रीजी ने उदाहरणों के माध्यम से समझाया कि हमारी संस्कृति सिखाती है कि जीओ तो ऐसे जीओ की शांति से मर सको और मृत्यु के बाद भी लोग याद करें।
पश्चिमी संस्कृति पक्षी की तरह है जो खुले आकाश में उड़ता है पर उसका कोई लक्ष्य नहीं और हमारी संस्कृति पतंग की तरह है जो आकाश में उड़ाती तो है पर डोर हमेशा हमारे हाथ में रहती है। इसलिए हमें अनुशासनमय जीवन जीना है, बच्चों को सिखाना रहना, कहना, पहनना आदि बातें समझानी है। साध्वी मयंकप्रभा जी ने कहा कि संस्कारों का बीजारोपण घर से ही होता है, शुरू से ही बच्चों को संस्कार देना चाहिए, अपनी संस्कृति सिखानी चाहिए। साध्वी मेरुप्रभाजी ने गीतिका का संगान किया। माला कातरेला ने अपने विचारों की अभिव्यक्ति दी। शांति दूधोरिया ने आगामी कार्यक्रम की जानकारी एवं धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम का संचालन साध्वी मेरूप्रभाजी ने किया।