गणाधिपति पूज्य गुरुदेव आचार्यश्री तुलसी के महाप्रयाण दिवस पर विविध आयोजन
साध्वी अणिमाश्रीजी के सान्निध्य में कीर्तिनगर में गुरूदेव श्री तुलसी का 28 वां महाप्रयाण दिवस आयोजित हुआ। साध्वीश्री ने अपने उद्गार व्यक्त करते हुए कहा-प्रतिभा, पुरुषार्थ एवं प्रेरणा के महादेवता थे आचार्य तुलसी। उनकी नवोन्मेशी प्रतिभा ने युगपटल पर दुर्लभ दस्तावेज लिखे। उनके प्रबल पुरुषार्थ ने तेरापंथ की धरती पर कर्तृत्व के नए पदचिन्ह अंकित किए। वे विशिष्ट विलक्षणताओं के महासंगम स्थल थे। उनकी विलक्षणताएं नैसर्गिक भी थी एवं अर्जित भी थी। मात्र बाईस वर्ष की वय में आचार्य बनकर उन्होंने तेरापंथ को विलक्षण बना दिया। प्रलम्ब शासनकाल में उन्होंने अनगिनत कीर्तिमान रचे। साध्वी कर्णिकाश्री ने मुक्तक के माध्यम से श्रद्धासुमन अर्पित किए। डॉ. साध्वी सुधाप्रभाजी ने प्रभावक संच संचालन करते हुए कहा, आचार्य तुलसी महान स्वप्नदृष्टा एवं संकल्प के पुरोधा पुरुष थे। साध्वी मैत्रीप्रभाजी ने कहा आचार्य तुलसी का टोलरेन्स पॉवर, उनका सिगिंग पावर, उनकी लीडरशिप बेजोड़ थी। साध्वी समत्वयशा जी ने भावपूर्ण गीत का सुमघुर संगान किया। दिल्ली सभा के पूर्व अध्यक्ष पन्नालाल बैद, सभा उपाध्यक्ष विमल बैद, अभातेममं की उपाध्यक्ष सुमन नाहटा, मानसरोवर गाडेन सभाध्यक्ष नरेन्द्र पारख आदि ने अपने श्रद्वापूर्ण उद्गार व्यक्त किए। निर्मल फूलफगर ने मंगल संगान किया। कीर्तिनगर व मानसरोवर गार्डन के भाई-बहनों ने सुमधुर गीतिका संगान कर पूरी परिषद् को हर्ष विभोर कर दिया। त्रिनगर सभा के पदादिकारियों ने भी गीत का संगान किया।