आचार्यश्री महाप्रज्ञ के 105वें जन्म दिवस पर विविध आयोजन

संस्थाएं

आचार्यश्री महाप्रज्ञ के 105वें जन्म दिवस पर विविध आयोजन

मुनि देवेंद्रकुमार जी एवं तपोमूर्ति मुनि पृथ्वीराज जी आदि ठाणा-4 के सान्निध्य में आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी का 105वां जन्म दिवस का कार्यक्रम प्रज्ञा दिवस के रूप में मनाया गया। ज्ञानशाला के बच्चों ने 'ऊं जय महाप्रज्ञ गुरुदेव' गीत का संगान किया। मुनि देवेंद्रकुमार जी ने कहा आचार्य श्री महाप्रज्ञ अपनी प्रज्ञा रश्मियों से 20वीं और 21वीं सदी को उजालने वाले ऊर्जा पुंज थे। वे महान दार्शनिक, चिंतक, लेखक और अध्यात्म के महान साधक थे। प्रेक्षाध्यान, जीवन विज्ञान, अहिंसा समवाय आदि का प्रवर्तन कर आध्यात्मिक वैज्ञानिक व्यक्तित्व के निर्माण, नए मानव नए विश्व और नई अर्थव्यवस्था संरचना का नया चिंतन प्रस्तुत किया। तपोमूर्ति मुनि पृथ्वीराज जी ने कहा आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी प्रज्ञा पुरुष आचार्य थे। आचार्य श्री के समता, सहनशीलता, गुरु के प्रति समर्पण भाव आदि गुणों का वर्णन करते हुए मुनिश्री ने सुमधुर गीत का संगान किया। मुनि आर्जवकुमार जी एवं मुनि जिज्ञासु कुमार जी ने आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी के संस्मरणों को सुनाया एवं गीत का संगान किया। महिला मंडल, कन्या मंडल, ज्ञानशाला प्रशिक्षिका, कमलेश जैन, रेखा जैन ने गीत एवं वक्तव्य के द्वारा अपनी प्रस्तुति दी। ज्ञानार्थी जियांश ने आध्यात्मिक एबीसीडी का संगान किया। भिवानी से समागत एडवोकेट सुरेंद्र जैन ने अपने विचार रखे। सभा अध्यक्ष पवन जैन, नरेंद्र जैन, पंकज जैन ने गीत एवं भाषण के माध्यम से आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी के प्रति अपने श्रद्धा भाव अर्पित किए।