तत्त्व ज्ञान प्रशिक्षण एवं ज्ञान विकास कार्यशाला
डॉ. साध्वी कुंदनरेखाजी के सान्निध्य में ज्ञान विकास कार्यशाला का आयोजन अणुव्रत भवन में संपन्न हुआ। साध्वीश्री ने कहा- तत्वज्ञान जीवन जीने का विज्ञान है। इससे अज्ञान रुपी अंधकार का विलय तो होता ही है, इसके साथ-साथ सत्य के साक्षात्कार का मार्ग भी प्रशस्त होता है। उन्होंने आगे कहा- भगवान महावीर ने मनुष्यों को तीन मंत्र दिये- हेय, ज्ञेय, उपादेय। ज्ञान के द्वारा सभी पदार्थों को जानना, उसके पश्चात त्याज्य वस्तु का, विचारों का त्याग कर ग्रहणीय पदार्थों एवं भावों को स्वीकृत कर आगे बढ़ने वाला उन्नत जीवन जीता है। कार्यशाला की मुख्य प्रशिक्षिका कोलकाता निवासी डॉ. पुखराज सेठिया ने साधिक़ एक घंटे तक तत्व ज्ञान को आसान तरीक़े से समझाते हुए जैन दर्शन में लोक की अवधारणा पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि छह द्रव्यों से युक्त इस लोक में चारों गतियों के जीव सहित सिद्धात्माएं भी निवास करती हैं।
आचार्य श्री तुलसी के 28वें महाप्रयाण दिवस एवं आचार्य श्री महाप्रज्ञ के 105वें जन्मदिवस के अवसर पर आयोजित इस कार्यशाला में सायर बैंगानी ने गुरुद्वय की अभ्यर्थना में अपनी प्रस्तुति दी। मुख्य अतिथि भारतीय जनता पार्टी दिल्ली प्रदेश की मंत्री सारिका जैन ने भी तत्व ज्ञान में रुचि दिखाते हुए उससे जुड़े रहने का संकल्प किया। अ.भा.त.म.मं की संगठन मंत्री नीतू पटवारी की भी गरिमामय उपस्थिति रही। कार्यक्रम का मंगलाचरण मध्य दिल्ली महिला मंडल की अध्यक्षा दीपिका छल्लानी ने एवं संचालन साउथ दिल्ली की अध्यक्षा शिल्पा बैद ने किया। मध्य दिल्ली और साउथ दिल्ली द्वारा आयोजित इस कार्यशाला में मध्य दिल्ली से लगभग 30 बहनें और साउथ दिल्ली से लगभग 25 बहनों के साथ नोएडा, गुरुग्राम, पश्चिमी दिल्ली, उत्तरी दिल्ली की बहनों ने बढ़-चढ़ कर रुचि दिखायी और ज्ञान का अर्जन किया। विसर्जन दिवस पर सभी बहनों ने साध्वीश्रीजी की प्रेरणा से 600 से अधिक खाद्य पदार्थ का सेवन करने का त्याग लिया।