अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर विविध कार्यक्रम का आयोजन

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अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर विविध कार्यक्रम का आयोजन

जो हमारे स्वास्थ्य को संतुलित व स्वस्थ बनाता है, मन को शुद्ध बनाता है, आत्मा को पवित्र बनाता है- उसे योग कहते हैं। योग के माध्यम से हमें शारीरिक, मानसिक एवं भावनात्मक आरोग्य की प्राप्ति होती है। उपरोक्त विचार दसवें अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पर मुनि हिमांशुकुमारजी ने अणुविभा के तत्वावधान में अणुव्रत समिति, चेन्नई एवं श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथ ट्रस्ट, ट्रिप्लीकेन की आयोजना में तेरापंथ भवन में 'योग अपनाएं- आरोग्य पाएं' कार्यक्रम में व्यक्त किए। मुनिश्री ने आगे कहा कि शरीर साधने की प्रक्रिया श्वास एवं मन को साधने में सहायक बनती है। यौगिक क्रियाएं आरोग्य प्रदान करती है। जैसे मनोयोग से मन की चंचलता कम होती है एवं भावयोग से भावों की शुद्धि होती है। योग से हम आत्मतत्व तक पहुंच सकते है। अपने व्यक्तित्व एवं जीवन को परिष्कृत कर सकते है। मुनि हेमंतकुमारजी ने कहा कि योग ऐसी साधना है जिससे व्यक्ति स्वयं से जुड़ जाता है। स्थूल जगत से सूक्ष्म जगत की ओर मुड़ना योग से संभव है। यौगिक क्रियाएं स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद होती हैं। स्वास्थ्य का अर्थ है पूर्णता का अहसास। स्वास्थ्य के पाँच चिकित्सक- हवा, धूप, पानी, पृथ्वी और भोजन। पानी बैठकर एवं घूंट-घूंट पीना लाभप्रद हो सकता है। प्रदूषित हवा से यथासंभव बचाव एवं धूप का ताप स्वास्थ्य के लिए उपयोगी होता है। पृथ्वी से सीधे संपर्क के लिए संभव हो तो बिना जूते चप्पल के गमन कर सकते हैं और मिट्टी के बर्तनों का प्रयोग कर सकते हैं। सात्विक भोजन भी स्वास्थ्य के लिए वांछनीय माना जा सकता है।