चातुर्मासिक मंगल प्रवेश पर मिली संयमी जीवन शैली की प्रेरणा
आचार्य श्री महाश्रमणजी की सुशिष्या डॉ. गवेषणाश्री ठाणा 4 का पुष्य नक्षत्र की मंगलमय वेला में तेरापंथ सभा भवन, माधावरम्, चेन्नई में चातुर्मासिक प्रवेश हुआ। साध्वी डॉ. गवेषणाश्री ने कहा कि भारत देश उगते सूरज का देश है। यहां भौतिकता के साथ आध्यात्मिकता का भी सूरज सदैव उदीयमान रहता है। विश्व में चार तरह के व्यक्तियों- सत्तावान, ज्ञानवान, अर्थवान और साधुओं का सम्मान होता है। बाकी तीन का तो अवसरवादिता के आधार पर सम्मान होता है, लेकिन साधु-संतों का तो सर्वत्र सदैव सम्मान होता है। साधु नोट या वोट नहीं अपितु व्यक्तियों की खोट को निकाल उनका उद्धार करते हैं। साध्वीश्री ने कहा कि हमें अपने जीवन में तीन तरह की फैक्ट्री को लगाना चाहिए- शुगर फैक्ट्री अर्थात जबान से कटु नहीं बोलना चाहिए। माइंड में आइस फैक्ट्री लगाना, शांत सहवास से जीवन जीना चाहिए और तीसरी दिल में प्रेम की फैक्ट्री लगाना अर्थात सौहार्द भाव से रहना चाहिए। साध्वीश्री ने आराध्य की अभिवन्दना करते हुए कहा कि गुरुवर के निर्देशानुसार आज माधावरम् में चातुर्मास प्रवेश हो गया।
साध्वी मंयकप्रभाजी ने कहा कि साधु-साध्वी कषाय दल-दल में फंसे हुए व्यक्तियों को बाहर निकाल उसकी दशा और दिशा में परिवर्तन ला सकते हैं। साध्वी मेरुप्रभा और साध्वी दक्षप्रभा ने गीतिकाओं का संगान किया। मुख्य वक्ता अधिवक्ता पी. एस. सुराणा ने कहा कि दुर्लभ मनुष्य जन्म का सबसे अच्छा उपयोग संयम ग्रहण कर शुद्ध साधुपन पालन से करना चाहिए। संयम नहीं तो श्रमणों की उपासना कर, सेवा सुश्रुषा कर, वन्दन, प्रवचन-श्रवण कर भी कर्मों की निर्जरा कर सकते हैं। जैन संस्कृति, भारतीय संस्कृति, शाकाहारी संस्कृति के हो रहे ह्रास, पतन को साधु संत ही रोक सकते हैं। मुख्य अतिथि अभातेयुप राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेश डागा ने कहा कि चेन्नई का समाज संघ समर्पित है, शक्ति-भक्ति से ओत:प्रोत है। इससे पूर्व प्रातःकाल शुभ वेला में प्रमिला टिम्बर से अहिंसा रैली के साथ साध्वीवृन्द ने जैन तेरापंथ नगर, माधावरम् में मंगल प्रवेश किया।
माधावरम् परिवार की बहनों ने मंगलाचरण गीत प्रस्तुत किया। श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथ माधावरम् ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी घीसूलाल बोहरा ने स्वागत स्वर प्रस्तुत किया। उपासक स्वरूप चन्द दाँती ने काव्यात्मक शैली में चारों साध्वियों का परिचय प्रस्तुत किया। वर्ष 2022 के मूल्यांकन अनुसार राष्ट्रीय स्तर पर चेन्नई के श्रेष्ठ ज्ञानार्थी हृदय आनन्द सेठिया को सम्मानित किया गया। तेरापंथ महिला मण्डल ने गीत द्वारा एवं ज्ञानशाला ज्ञानार्थियों ने बारह व्रतों का विश्लेषण कर संयमी का संयम से स्वागत किया। तेरापंथ एजूकेशन एण्ड मेडिकल ट्रस्ट के चेयरमैन एम.जी. बोहरा ने मुख्य वक्ता का परिचय प्रस्तुत किया। मंच का कुशल संचालन सुरेश रांका और आभार ज्ञापन माधावरम् ट्रस्ट मंत्री पुखराज चोरड़िया ने किया।