दो धाराओं का आध्यात्मिक मिलन
रायपुर। तेरापंथ धर्मसंघ के आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि सुधाकर जी एवं मुनि नरेशकुमार जी का आध्यात्मिक मिलन वॉलफोर्ट एन्क्लेव में मंदिरमार्गी समुदाय के विनयकुशल मुनिजी व तपस्वी विरागमुनि जी आदि ठाणा से हुआ। धर्मसभा को संबोधित करते हुए मुनि सुधाकरकुमारजी ने विराग मुनि जी की तपस्या की अनुमोदना करते हुए कहा कि तप की जितनी भी अनुमोदना की जाए वह कम है। इतनी लम्बी-लम्बी तपस्या करने वाले मानव जाति में विरले ही होते हैं जो शरीर को तप रुपी आभूषण से श्रृंगारित कर, तपाकर, कुंदन बना लेते हैं। विराग मुनि जी ने कहा कि जिनशासन की प्रभावना में तप का अपना विशिष्ट योगदान होता है।