साधना के क्षेत्र में समत्व की साधना है सर्वोपरि

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साधना के क्षेत्र में समत्व की साधना है सर्वोपरि

'शासनश्री' मुनि मणिलालजी के सान्निध्य में भिक्षु समाधि स्थल के हेम अतिथि भवन प्रांगण में दीक्षार्थिनी मुमुक्षु मीनाक्षी सामसुखा-गंगाशहर का मंगल भावना कार्यक्रम आयोजित किया गया। मुनि मणिलाल जी ने कहा- साधना के क्षेत्र में समत्व की साधना सर्वोपरि है। समता - इन तीन अक्षरों में जीवन का सार है। आचार्य श्री महाश्रमणजी से दीक्षित होकर स्वयं के साथ अन्य भव्य जीवों के कल्याण का लक्ष्य रखें। मुनि धर्मेशकुमार जी, मुनि चैतन्यकुमारजी ‘‘अमन’’, मुनि गिरीशकुमारजी ने बहिन मुमुक्षु मीनाक्षी के भावी जीवन के प्रति मंगल कामना करते हुए अपनी भावनाएं प्रस्तुत की।मुमुक्षु मीनाक्षी ने अपने विचार व्यक्त किए। भिक्षु समाधि स्थल संस्थान की ओर से डॉ. बी.आर. शर्मा, व्यवस्थापक महावीर सिंह ने दीक्षार्थिनी एवं पारिवारिक जन का सम्मान किया तथा मुमुक्षु के भावी जीवन के प्रति शुभकामनाएं प्रेषित की। देवीलाल मरलेचा, सुरभि नाहटा ने विचार व्यक्त किए। संचालन मुनि चैतन्य कुमारजी ने किया।