आगम वाणी का ऑक्सीजन डिस्चार्ज एनर्जी को रिचार्ज करता रहे
आचार्यश्री महाश्रमणजी की सुशिष्या डॉ. साध्वी परमयशाजी के चातुर्मासिक प्रवेश के अवसर पर स्वागत समारोह का आयोजन किया गया। डॉ. साध्वी परमयशाजी ने अपने उद्बोधन में कहा कि गुरूदेव के आदेश से हम अहमदाबाद से स्मार्ट सिटी, झीलों की नगरी, 'राजस्थान के कश्मीर’ उदयपुर में चातुर्मास करने आये हैं। धर्म से हमारा आभामंडल तेजस्वी बनता है, अनमोल मानव जीवन सफल बनता है। अहिंसा, संयम और तपोमय धर्म ही हमें ‘पीस ऑफ माइंड’ दे सकता है। साध्वी श्री ने आगे कहा - आपने हमारा स्वागत किया, यह स्वागत हमारा नहीं, तेरापंथ के मर्यादा और अनुशासन का है, श्रद्धा और समर्पण का स्वागत है। यहां शांति, समाधि और आनंद का महायज्ञ होता रहे। आगम वाणी का ऑक्सीजन डिस्चार्ज एनर्जी को रिचार्ज करता रहे।
साध्वी वृंद ने सामूहिक गीत का संगान किया एवं शब्द चित्र के माध्यम से सप्ताह के सात वारों का विश्लेषण किया। स्वागत समारोह में तेरापंथ महिला मंडल ने अपनी मधुर स्वर लहरियों के साथ मंगलाचरण कर साध्वीश्री का स्वागत किया। कार्यक्रम में तेरापंथ सभाध्यक्ष कमल नाहटा, अणुव्रत समिति की अध्यक्षा प्रणीता तलेसरा, किशोर मंडल संयोजक देवांश नाहर, ज्ञानशाला संयोजिका सुनीता बैंगानी, तेरापंथ महिला मंडल अध्यक्ष सीमा बाबेल, महासभा के आंचलिक प्रभारी धीरेन्द्र मेहता आदि ने स्वागत समारोह में अपने भावों की अभिव्यक्ति दी। कार्यक्रम का संचालन तेरापंथ सभा के मंत्री अभिषेक पोखरना ने किया।