ज्ञान का मंदिर और संस्कारों का घर है ज्ञानशाला
मुनि जिनेश कुमार जी ठाणा- 3 के सान्निध्य में साउथ हावड़ा स्तरीय सामूहिक ज्ञानशाला एवं सम्मान समारोह का आयोजन लक्ष्मी एक्वा स्पेस कम्युनिटी हॉल में साउथ हावड़ा श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा द्वारा किया गया। ज्ञानार्थियों को संबोधित करते हुए मुनि जिनेशकुमार जी ने कहा- जीवन निर्माण में संस्कारों का बहुत बड़ा महत्त्व है। ज्ञानशाला संस्कार प्राप्ति का महत्त्वपूर्ण उपक्रम है। ज्ञानशाला ज्ञान का मंदिर है, संस्कारों का घर है। ज्ञानशाला के माध्यम से बच्चे अपने सर्वांगीण विकास कर सकते हैं। मुनिश्री ने आगे कहा- गुरुदेव तुलसी ने युग की नब्ज को देखकर नौनिहाल बाल पीढ़ी को संस्कारी बनाने के लिए ज्ञानशाला का महत्त्वपूर्ण उपक्रम दिया। मुनिश्री ने नमस्कार महामंत्र की महत्ता बताते हुए कहा कि यह मंत्र ऊर्जा मंत्र है, इसमें अद्भुत शक्ति है। मुनिश्री ने आगे कहा- भोजन करते समय टी.वी. व मोबाइल से दूर रहें। इस अवसर पर मुनि परमानंदजी ने भी बच्चों को संबोधित किया। सभा अध्यक्ष लक्ष्मीपत बाफणा, ज्ञानशाला संयोजक प्रदीप पुगलिया, हेमलता बैंगवाणी, पंकज दुगड़ ने अपने विचार व्यक्त किये। संचालन वीणा जैन ने किया। सभा भवन ज्ञानशाला, आंदुल ज्ञानशाला, संगम ज्ञानशाला, गंगेज ज्ञानशाला, आइडियल ज्ञानशाला, विक्रम विहार, ज्ञानशाला, राघव ज्ञानशाला, विवेक विहार ज्ञानशाला, पंचशील ज्ञानशाला, श्री अपार्टमेंट ज्ञानशाला की प्रशिक्षिका का तेरापंथ सभा द्वारा सम्मान किया गया। परीक्षा एवं प्रतियोगिता में विजेता ज्ञानार्थियों को पुरस्कृत किया गया।