महावीर के संदेशवाहक धर्म की लौ जलाने आए हैं

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महावीर के संदेशवाहक धर्म की लौ जलाने आए हैं

साध्वी कनकरेखाजी ठाणा-4 का चातुर्मास हेतु प्रवेश इकबाल गंज चौक स्थित तेरापंथ भवन में हुआ। साध्वीश्री के शुभागमन पर तेरापंथी सभा, युवक परिषद, महिला मंडल, कन्या मंडल, ज्ञानशाला के सदस्य अपने-अपने गणवेश में जयकारों के साथ अनुशासन रैली की शोभा बढ़ा रहे थे। मुख्य कार्यक्रम में साध्वी कनकरेखाजी ने कहा- रथ यात्रा के पावन दिन मंगल प्रवेश हम सबके लिए नई खुशियां लेकर आया है, आध्यात्मिक ऊर्जा से भीतरी चेतना जगाने आया है। धर्म के मूर्तरूप संत चिंतामणि रत्न के समान हैं। संतों का आगमन पुण्यशीलता का प्रतीक है, सुप्त चेतना को जगाने महावीर के संदेशवाहक बन हम धर्म की लौ जलाने आए हैं। हमें विभिन्न रूपों में ज्ञान, दर्शन व तप की आराधना करनी है। कार्यक्रम का शुभारंभ महिला मंडल की गीतिका के साथ हुआ।
साध्वी गुणप्रेक्षाजी ने कहा- संत बसंत लेकर आते हैं। साध्वी संवरविभाजी व साध्वी हेमंतप्रभाजी ने सुमधुर प्रस्तुति दी। श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथ सभा के अध्यक्ष धीरज जैन सेठिया ने कहा की परम पूज्य महातपस्वी आचार्यश्री महाश्रमण जी ने महती कृपा करके विदुषी साध्वीश्री का चातुर्मास हमें प्रदान किया है। महासभा सदस्य कुलदीप सुराणा, तेयुप अध्यक्ष उज्ज्वल जैन, तुलसी कल्याण केन्द्र के ट्रस्टी चंद्र मोहन ने अपने विचार रखे। राजेश सेठिया ने आभार ज्ञापन एवं कार्यक्रम का कुशल संचालन कमल नौलखा ने किया।