चातुर्मास काल होता है तप-जप, स्वाध्याय, प्रवचन श्रवण का सीजन

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चातुर्मास काल होता है तप-जप, स्वाध्याय, प्रवचन श्रवण का सीजन

साध्वी कीर्तिलताजी ठाणा-4 का तेरापंथ भवन, नागौरी गार्डन, भीलवाड़ा में चातुर्मासिक मंगल प्रवेश हुआ। प्रवेश के अवसर पर आयोजित स्वागत समारोह में साध्वी कीर्तिलताजी ने कहा कि गुरु इंगित की आराधना से आज हमने वस्त्र नगरी भीलवाड़ा में मंगल प्रवेश किया है। धर्म की श्रृंखला न टूटे, जुड़ी रहे इसलिए साधु-साध्वियां चातुर्मास करते हैं।अध्यात्म जगत के संत जन घूम-घूम कर स्व और पर कल्याण की भावना लिए सत्य, अहिंसा के लक्ष्य को आत्मसात करते हुए निरंतर गतिमान रहते हैं।
यह चातुर्मास काल धर्म-ध्यान, तप-जप, त्याग, स्वाध्याय, प्रवचन श्रवण का सीजन होता है। अध्यात्म की गतिविधियों द्वारा हम अपनी शक्ति को संतुलित करते हुये अपना जीवन निर्माण करें तो यह चातुर्मास उत्कृष्ट दिशा में आगे बढ़ सकता है। धर्मसंघ के रथ में बैठकर हम सब अभय की साधना में रत रहें। चातुर्मासिक मंगल प्रवेश के शुभ अवसर पर भीलवाड़ा सांसद दामोदर अग्रवाल ने साध्वीवृन्द के चातुर्मास के प्रति शुभ आध्यात्मिक मंगल कामना व्यक्त की। सभा अध्यक्ष जसराज चोरडिया ने भीलवाड़ा तेरापंथ समाज की ओर से साध्वीवृन्द का स्वागत करते हुए अपनी भावना प्रकट की। समर्पित एवं उत्साहित भावों से महिला मण्डल एवं अणुव्रत समिति की बहनों ने स्वागत गीतिका का संगान किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन सभा मंत्री योगेश चण्डालिया ने किया।