संघ, संघपति, त्याग और महाव्रत का है स्वागत

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संघ, संघपति, त्याग और महाव्रत का है स्वागत

युगप्रधान, महामनस्वी, महातपस्वी आचार्य श्री महाश्रमणजी की सुशिष्या साध्वी रचनाश्रीजी ‘टमकोर’ आदि ठाणा 4 का चातुर्मासिक मंगल प्रवेश तेरापंथ भवन न्यू पलासिया में हुआ। श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा द्वारा आयोजित स्वागत समारोह का शुभारंभ साध्वीश्री के नवकार मंत्र के संगान के साथ हुआ। स्वागत कार्यक्रम में तेरापंथ कन्या मंडल द्वारा मंगलाचरण प्रस्तुत किया गया। तेरापंथ सभा इंदौर के अध्यक्ष निर्मल नाहटा ने साध्वीश्री के स्वागत में भाव व्यक्त किए। साध्वी रचनाश्रीजी ने अपने वक्तव्य में कहा कि आज स्वागत हमारा नहीं, संघ, संघपति, त्याग और महाव्रत का हो रहा है। चातुर्मास काल में लाभ लेने की प्रेरणा देते हुए साध्वीश्री ने कहा कि श्रावकों के सामने चार महीने का लंबा समय है।
आप अपने क्षयोपशम को प्रबल करें और ज्ञान, दर्शन, चरित्र और तप में अपने श्रम का नियोजन करें। साध्वी श्री ने चातुर्मास का प्रारंभ तपस्या, तेले के साथ प्रारंभ करने की प्रेरणा दी। साथ ही गुरुदेव का चातुर्मास इंदौर में हो इस हेतु श्रावक समाज को जागृत करते हुए उपासकों की संख्या वृद्धि, ज्ञानशाला में ज्ञानार्थियों का प्रवेश और मुख्य रूप से वैरागी भाई-बहन तैयार करने की प्रेरणा दी। स्वागत समारोह कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उज्जैन (उत्तर) के विधायक अनिल जैन कालूखेड़ा का स्वागत सभा अध्यक्ष निर्मल नाहटा एवं उपाध्यक्ष रमेश कोठारी के द्वारा साहित्य से किया गया।
विधायक अनिल जैन ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि व्यक्ति अगर अपने विचार, भाव और बुद्धि को निर्मल रखता है तो उसका आध्यात्मिक विकास हो जाता है। साधु-साध्वियों का आगमन हमारा सौभाग्य है। तेरापंथ महिला मंडल की बहनों द्वारा सुमधुर गीतिका प्रस्तुत की गई। महासभा के आंचलिक प्रभारी निलेश रांका ने स्वागत उद्बोधन प्रस्तुत किया। तेरापंथ महिला मंडल अध्यक्ष ममता सामोता, तेयुप अध्यक्ष अर्पित जैन ने अपने स्वागत उद्गगार व्यक्त किए। कार्यक्रम का संचालन सुनिल सामोता एवं आभार तेरापंथी सभा के सहमंत्री मनीष दुग्गड ने व्यक्त किया।