चातुर्मास काल में जप और तप का संगम देखने को मिलेगा

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चातुर्मास काल में जप और तप का संगम देखने को मिलेगा

रायपुर, छत्तीसगढ़। मुनि सुधाकरजी अपने सहवर्ती मुनि नरेशकुमार जी के साथ गुरुइंगित अनुसार चातुर्मास हेतु रायपुर, छत्तीसगढ़ पधारे। चातुर्मासिक मंगल प्रवेश के अवसर पर आयोजित शोभायात्रा में रायपुर के साथ ही राजनांदगांव, दुर्ग, भिलाई आदि क्षेत्रों से भी श्रावक-श्राविकाओं की उपस्थिति रही। स्वागत समारोह में मुनि सुधाकर जी ने जैन धर्म में चातुर्मास की महिमा से अवगत कराते हुए बताया कि इस चातुर्मास काल में विशेष रूप से जप और तप का संगम देखने को मिलेगा। जप और तप दोनों की अपनी अलग-अलग महिमा है परन्तु जब तप के साथ जप का संगम होता है तो उसका लाभ कई गुना बढ़ जाता है। मुनिश्री ने आगे कहा कि देव-गुरु-धर्म की शरण में रह कर हम लक्षित मंजिल को बहुत ही आसानी के साथ पा सकते हैं। मुनि नरेशकुमार जी ने गीतिका के माध्यम से चातुर्मास की महिमा का संगान किया। कार्यक्रम में कन्या मंडल ने मंगलाचरण, तेममं, तेयुप एवं टीपीएफ ने स्वागत गीत व अनेकों व्यक्तियों ने स्वागत वक्तव्य प्रस्तुत किया। संचालन मनीष नाहर तथा आभार ज्ञापन अभिषेक गांधी ने किया।