स्वास्थ्य प्रबंधन कार्यशाला का आयोजन
मुनि जिनेशकुमार जी ठाणा 3 के सान्निध्य में 'मधुमेह कारण व निवारण' विषय पर स्वास्थ्य प्रबंधन कार्यशाला का आयोजन तेरापंथ सभागार में उत्तर हावड़ा श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा द्वारा किया गया। इस अवसर पर मुनि जिनेशकुमार जी ने कहा शरीर धर्म साधना का ही नहीं अपितु समग्र साधना का प्रमुख कारण है। स्वास्थ्य से ही साधना संभव है। व्यक्ति की स्वस्थता में शारीरिक, मानसिक व भावनात्मक रूप से स्वस्थ होना ही स्वस्थता है। बीमारी का मूल कारण है- भावों में मलिनता आना। रहन-सहन, खान-पान व अव्यवस्थित दिनचर्या अतिरिक्त दबाब उत्पन्न कर देते हैं जिससे व्यक्ति चिंता के चक्र में उलझकर मधुमेह का शिकार हो जाता है। मधुमेह से बचना है तो जीवन शैली में बदलाव लाना बहुत जरूरी है।
चिंता और तनाव से भी बचना बहुत जरूरी है। इसके लिए प्रेक्षाध्यान एवं योग के प्रयोग भी कारगर साबित हो सकते हैं। मुनि कुणालकुमार जी ने सुमधुर गीत का संगान किया। मुख्य वक्ता डॉ. पवन अग्रवाल, डाइटिशियन ऋतुपर्णा व आयुर्वेदाचार्य ओमप्रकाश डागा ने मधुमेह कारण व निवारण पर महत्त्वपूर्ण जानकारी प्रदान की। कार्यक्रम का शुभारंभ तेयुप. के मंगल संगान से हुआ। स्वागत भाषण उत्तर हावड़ा सभा के अध्यक्ष जुगलकिशोर बोथरा ने दिया। आभार ज्ञापन मंत्री प्रवीण सिंघी ने किया। कार्यक्रम का संचालन मुनि परमानंदजी ने किया।