चातुर्मास में धर्म आराधना करने का विशेष महत्व

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चातुर्मास में धर्म आराधना करने का विशेष महत्व

औद्योगिक नगरी बालोतरा में आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी मंगलयशाजी ठाणा 4 का तेरापंथ भवन में चातुर्मासिक प्रवेश हुआ। राजेश बाफना ने बताया कि तेरापंथ भवन सदर बाजार से रैली रूप से रवाना होकर मुख्य मार्गों से होते हुए रैली न्यू तेरापंथ भवन पहुंची। रैली में ज्ञानशाला ज्ञानार्थी व प्रशिक्षक, कन्या मंडल, महिला मंडल, किशोर मंडल, युवक परिषद व सभा के पदाधिकारी एवं सदस्य और श्रावक समाज की उपस्थिति रही। ततपश्चात स्वागत अभिनंदन कार्यक्रम साध्वी मंगलयशाजी द्वारा नमस्कार महामंत्र के उच्चारण के साथ प्रारम्भ हुआ। साध्वी मंगलयशाजी ने कहा कि धर्म ध्यान की साधना हर समय की जा सकती है पर चातुर्मास में धर्म आराधना करने का विशेष महत्व है। परम पूज्य गुरुदेव आचार्य श्री महाश्रमण जी की कृपा व इंगित से बालोतरा के इस भवन में चातुर्मास प्रवेश किया है। साध्वी श्री ने आगे कहा - आत्म जगत की ज्योति को जगाने के लिए कला चाहिए। जिसकी ज्ञान चेतना, विवेक चेतना या आध्यात्मिक चेतना जागृत होती है वही व्यक्ति आत्म जगत की ज्योति जगा सकता है। साध्वी भास्करप्रभाजी ने कहा कि हम हर कार्य आचार्य श्री की ऊर्जा शक्ति से पूर्ण करेंगे। हर घर में धर्म की ज्योत जगे ऐसा प्रयास करेंगे। साध्वी अपूर्वयशाजी, साध्वी साम्यप्रभाजी ने सुमधुर गीतिका की प्रस्तुति दी। कन्या मंडल द्वारा मंगलाचरण, सभा एवं तेयुप द्वारा सामूहिक स्वागत गीत एवं महिला मंडल द्वारा अभिनंदन गीत की प्रस्तुति दी गयी। कार्यक्रम का संचालन मंत्री प्रकाश वैद ने किया।