
चातुर्मासिक चतुर्दशी का आयोजन
उदयपुर। डॉ. साध्वी परमयशाजी ने कहा कि चातुर्मास का लक्ष्य है जिंदगी की भागदौड़ को कम करना, बाहर से भीतर की अंतर्यात्रा करना। चातुर्मास काल में सभी अध्यात्म का सूरज उगाएं, प्रवचन सुनें, प्रेक्षाध्यान का प्रयोग करें, नैतिक मूल्यों का आलेख जगाएं, जैन जीवनशैली को अपनाएं। साध्वी परमयशाजी, साध्वी विनम्रयशाजी, साध्वी मुक्ताप्रभाजी एवं साध्वी कुमुदप्रभाजी ने नवकारसी, पोरसी, उपवास, एकासन, सामायिक, मौन, पचरंगी, रात्रि भोजन परिहार, खाते-पीते मोक्ष के बारे में बताते हुए उपस्थित जनमेदिनी को त्याग-प्रत्याख्यान की प्रेरणा दी।