भक्तामर स्त्रोत्र जप का आध्यात्मिक अनुष्ठान
साध्वी उदितयशा जी के सान्निध्य में तेरापंथ युवक परिषद एवं तेरापंथ महिला मंडल गांधीनगर बेंगलुरु के संयुक्त तत्वावधान में भक्तामर स्त्रोत्र जप का आध्यात्मिक अनुष्ठान सजोड़े नेहरू नगर महाविदेह मिलन अपार्टमेंट मे कराया गया। साध्वी उदितयशाजी ने मंत्र विधि के कई रहस्य प्रकट करते हुए बताया कि किस तरह 8 स्वर मिलकर एक मंत्र की रचना होती है। 'ॐ ऋषभाय नमः' का निरंतर स्मरण करने वाले मनुष्य शीघ्र ही अपने बंधन के भय से मुक्त हो जाते हैं, उच्च सम्मान को प्राप्त करते हैं, लक्ष्मी विवश होकर स्वयं उनके पास आती है। भक्तामर के एक-एक पद्य में हमारे जीवन की हर एक विघ्न बाधा दूर करने की शक्ति है। हम सबको इसकी नियमित साधना करनी चाहिए। साध्वी भव्ययशाजी एवं साध्वी शिक्षाप्रभाजी ने भक्तामर स्तोत्र रचियता आचार्य मानतुंग पर भावपूर्ण गीतिका के द्वारा सभी साधकों को तन्मय बना दिया। साध्वी भव्ययशा जी ने साधकों को नमस्कार महामंत्र से सुदृढ़ कवच बनाने की विधि बताई। साध्वी संगीतप्रभाजी ने भक्तामर स्तोत्र जप का लयबद्ध अनुष्ठान करवाया। खुशबु सालेचा ने अपने विचार व्यक्त किए। नेहरू नगर श्रावक समाज की ओर से नवरतन गादिया ने साध्वी वृन्द के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में तेयुप अध्यक्ष विमल धारीवाल, तेयुप पदाधिकारी, महिला मंडल कार्यक्रम संयोजक नीता गादिया एवं 25 जोड़ों सहित लगभग 110 साधकों की उपस्थिति रही।