आचार्य श्री भिक्षु के 299वें जन्म दिवस एवं 267वें बोधि दिवस पर विविध आयोजन

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आचार्य श्री भिक्षु के 299वें जन्म दिवस एवं 267वें बोधि दिवस पर विविध आयोजन

तेरापंथ भवन में साध्वी उदितयशाजी के सान्निध्य में आचार्य भिक्षु का 299 वां जन्म दिवस कार्यक्रम जप के साथ प्रारंभ हुआ। धर्मसभा को संबोधित करते हुए साध्वी उदितयशा जी ने सच्चे भिक्षु भक्त बनने की प्रेरणा देते कहा आज का दिन ज्योति के अवतरण का दिन है। एक नव क्रांति का जन्म दिन है, शक्ति के साथ शांति का जन्म दिन है। आचार्य भिक्षु ने लक्ष्य बनाया 'मर पूरा देश्या आत्मा रा कारज सारस्या’। आचार्य भिक्षु ने आंधी और तूफान की कभी परवाह नहीं की। एक मात्र आत्मा के लिए साधना करते रहे। साध्वी भव्ययशाजी एवं साध्वी शिक्षाप्रभाजी ने गीत का मधुर संगान किया। साध्वी संगीतप्रभाजी ने अपने संयोजकीय वक्तव्य में कहा आचार्य भिक्षु का जन्म उस समय हुआ जब समाज में धर्म के नाम पर पाखंड का बोलबाला था, जब समाज में रूढ़िवादिता अपने पंजे फैला रही थी। जब आचारहीनता से मानव जीवन जर्जरित हो रहा था। उस परिस्थिति में समय की मांग को प्रकृति ने स्वीकारा और भीखण का जन्म हो गया।