आचार्य श्री भिक्षु के 299वें जन्म दिवस एवं 267वें बोधि दिवस पर विविध आयोजन
अमर नगर स्थित तेरापंथ भवन में आयोजित हुए महामना भिक्षु को समर्पित अभ्यर्थना कार्यक्रम को संबोधित करते हुये ‘शासनश्री’ साध्वी जिनबालाजी ने बताया कि आचार्य भिक्षु सत्य मार्ग पर निरंतर बढ़ने वाले थे। बोधि तीन प्रकार की है- ज्ञान बोधि, दर्शन बोधि और चारित्र बोधि। आज के दिन आचार्य भिक्षु को आत्मबोध की प्राप्ति हुई। साध्वी करुणाप्रभा जी ने आचार्य भिक्षु के के जीवन वृत्त के माध्यम से बताया कि भिक्षु स्वामी विभिन्न कष्टों को सहकर कष्ट सहिष्णु बने। इस अवसर पर साध्वी प्राचीप्रभा जी ने गीतिका का संगान किया और साध्वी भव्यप्रभा जी ने पचरंगी तप में आगे बढ़ने के लिए सभी को प्रोत्साहित किया।
जैन विश्वभारती के पूर्व प्रवक्ता महावीर राज गेलडा ने बताया तपस्या तप के लिए नहीं स्वयं को तरंगित करने के लिए है। तेरापंथ सभा सरदारपुरा अध्यक्ष सुरेश जीरावला, महिला मंडल अध्यक्ष दिलखुश तातेड, तेयुप अध्यक्ष मिलन बांठिया, तेयुप मंत्री देवीचंद तातेड़ ने अपने भावों से आचार्य भिक्षु के प्रति श्रद्धा समर्पण किया। इस अवसर पर तपस्वी अंकित जैन के तप की अनुमोदना भी की गई। कार्यक्रम का संचालन तेयुप कार्यकर्ता विकास चोपड़ा एवं जिनेन्द्र बोथरा ने एवं आभार ज्ञापन तेयुप उपाध्यक्ष मनसुख संचेती ने किया।