चातुर्मास साधना सिद्धि का द्वार एवं जागरण का काल है

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चातुर्मास साधना सिद्धि का द्वार एवं जागरण का काल है

साउथ हावड़ा। मुनि जिनेश कुमार जी ठाणा -3 का प्रेक्षा विहार, हावड़ा मिल्स क्लब हाऊस दक्षिण हावड़ा में चातुर्मासिक मंगल प्रवेश अनुशासन रैली के साथ हुआ। चातुर्मासिक मंगल प्रवेश के पश्चात् स्वागत समारोह का आयोजन साउथ हावड़ा श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा द्वारा किया गया। स्वागत समारोह में उपस्थित जन समुदाय को संबोधित करते हुए मुनि जिनेश कुमार जी ने कहा- धार्मिक जगत की धुरी है चातु‌र्मास। चातुर्मास साधना सिद्धि का द्वार है, जागरण का काल है। चातुर्मास की सफलता में पांच सूत्र है- उत्साह, उदारता, आत्मीयता, आराधना और अनुमोदना। श्रावक समाज को ज्ञान, दर्शन, चारित्र और तप की विशेष आराधना करनी है। मुनिश्री ने कहा - हमारा स्वागत तभी सार्थक होगा जब आप भगवान महावीर की वाणी सुनकर जीवन को सफल बनाएंगे। गुरु ने हमें जो आदेश दिया था उसकी अनुपालना करते हुए आज यह चातुर्मासिक मंगल प्रवेश किया है। मुनि परमानंदजी ने कहा- चातुर्मास जागरण का पर्व है। चातुर्मास में अधिक से अधिक धर्माराधना करें। इस अवसर पर मुनि कुणालकुमार जी ने सुमधुर गीत का संगान किया। कार्यक्रम का शुभारंभ तेरापंथ कन्या मंडल के मंगलाचरण से हुआ। स्वागत भाषण साउथ हावड़ा श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा के अध्यक्ष लक्ष्मीपत बाफणा ने दिया। कार्यक्रम का संचालन सभा के मंत्री बसंत पटावरी ने किया।